
अप्रत्याशित मौसम बना हिमाचल प्रदेश के लिए चुनौती,बर्फबारी, बारिश और भूस्खलन से जनजीवन प्रभावित
- Aap ke LiyeHindi NewsKINNAURKULLULAHUL SPITIMANDISHIMLASIRMOUR
- April 22, 2025
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हिमाचल प्रदेश में मौसम का मिजाज लगातार बदलता जा रहा है और इसका असर आम जनजीवन से लेकर किसानों और पर्यटकों तक सभी पर साफ़ दिखाई दे रहा है। पहाड़ी राज्य के ऊपरी और निचले इलाकों में एक बार फिर बारिश, बर्फबारी और ओलावृष्टि की घटनाएं लोगों के लिए परेशानी का कारण बनती जा रही हैं। मौसम विभाग ने 24 अप्रैल से एक बार फिर पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय होने की चेतावनी जारी की है, जिससे आने वाले दिनों में प्रदेश के कई जिलों में मौसम और भी विकराल हो सकता है।
इस अस्थिर मौसम ने सबसे ज़्यादा चिंता किसानों और बागवानों को दी है, जिनकी फसलें अब मौसम की मार झेल रही हैं। गेहूं की फसल जहां भीगने से सड़ने की कगार पर है, वहीं जो किसान पहले ही कटाई कर चुके थे, उनकी उपज खेतों में ही पड़ी-पड़ी खराब हो रही है। हमीरपुर, ऊना और कांगड़ा जैसे जिलों में रुक-रुक कर हो रही बारिश और ओलावृष्टि ने खेतों को नुकसान पहुंचाया है और कई जगह फलों की फसलें भी प्रभावित हुई हैं। यह परिस्थिति उन किसानों के लिए दोहरी मार जैसी है, जो प्राकृतिक आपदा और बाज़ार दोनों से पहले ही जूझ रहे थे।
राजधानी शिमला में सोमवार को दोपहर के समय तेज़ बारिश ने तापमान में गिरावट दर्ज कराई, वहीं लाहौल स्पीति की घाटियों में बर्फबारी लगातार जारी रही। कुल्लू-मनाली क्षेत्र में रोहतांग, कुंजम और बारालाचा दर्रों पर एक फीट तक ताज़ा हिमपात दर्ज किया गया है, जिससे तापमान औसतन आठ डिग्री सेल्सियस तक गिर गया। इससे न केवल आवाजाही बाधित हुई है, बल्कि स्थानीय लोगों को भी जीवन के सामान्य कार्यों में कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है।
इस बीच चंबा जिले में भूस्खलन की घटनाओं ने हालात और बिगाड़ दिए हैं। किलाड़-कुल्लू मनाली हाईवे नौ घंटे तक अवरुद्ध रहा और एक कार मलबे में दब गई। वहीं, चुराह घाटी के कुलयाड़ा नाले में भूस्खलन के चलते नौ भेड़-बकरियां मलबे की चपेट में आ गईं, जिससे स्थानीय ग्रामीणों को भारी नुकसान हुआ। लंगेरा-भांदल को जोड़ने वाली अस्थायी पुलिया भी तेज बहाव में बह गई, जिससे कई गांवों का संपर्क मुख्य मार्गों से कट गया है।
पर्यटन की दृष्टि से अहम माने जाने वाले कुल्लू-मनाली और लाहौल क्षेत्रों में लगातार हो रही बर्फबारी और सड़क अवरोधों के चलते पर्यटकों को भी काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। होटल व्यवसायियों की मानें तो इस अनिश्चित मौसम का सीधा असर पर्यटन पर पड़ रहा है और आने वाले समय में बुकिंग्स में गिरावट की आशंका है।
हिमाचल का यह अप्रत्याशित और बार-बार बदलता मौसम अब सामान्य जीवन के लिए खतरे का संकेत बनता जा रहा है। मौसम विभाग की ताज़ा चेतावनी ने स्थिति को और भी गंभीर बना दिया है। 24 अप्रैल से मौसम के और बिगड़ने की संभावना के चलते प्रशासन अलर्ट पर है, लेकिन पर्वतीय राज्यों में मौसम की मार से निपटना हमेशा से चुनौतीपूर्ण रहा है। किसानों को राहत देने के लिए अब सरकार को तुरंत हस्तक्षेप करने और मुआवज़े जैसी नीतिगत योजनाओं को तेज़ी से लागू करने की आवश्यकता है।
यह स्पष्ट है कि हिमाचल प्रदेश इस समय एक कठिन दौर से गुजर रहा है—जहां बदलते मौसम ने प्राकृतिक सौंदर्य को तो सजाया है, लेकिन साथ ही जीवन की स्थिरता को भी डगमगाया है।
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