हिमाचल प्रदेश के लाहौल-स्पीति जिले के किशोरी गांव का वीर सपूत अरुण सियाचिन ग्लेशियर में देश की सेवा करते हुए शहीद हो गया। अरुण भारतीय सेना की लद्दाख स्काउट्स रेजीमेंट में अग्निवीर के रूप में तैनात थे और अत्यंत दुर्गम तथा विश्व के सबसे ऊँचे युद्धक्षेत्रों में से एक माने जाने वाले सियाचिन में अपनी ड्यूटी निभा रहे थे। उनकी शहादत की खबर से न केवल उनका पैतृक गांव, बल्कि पूरा जिला और प्रदेश शोकाकुल हो उठा है।
अरुण ने अग्निपथ योजना के तहत भारतीय सेना में भर्ती होकर अपनी देशभक्ति और समर्पण का परिचय दिया था। जवान उम्र में उन्होंने मातृभूमि की सेवा को अपना सबसे बड़ा कर्तव्य माना और कठिन से कठिन परिस्थितियों में भी डटे रहे। सियाचिन की बर्फीली ऊँचाइयों पर ड्यूटी देना किसी भी सैनिक के लिए बड़ी चुनौती होती है, लेकिन अरुण ने अदम्य साहस और निष्ठा के साथ वहां सेवा दी और अंततः अपने प्राणों का बलिदान कर दिया। उनकी शहादत ने एक बार फिर साबित किया है कि हिमाचल की धरा ने सदैव ऐसे वीर पुत्रों को जन्म दिया है जो राष्ट्र रक्षा के लिए प्राणों की आहुति देने से पीछे नहीं हटते।
पूर्व विधायक और भाजपा नेता रवि ठाकुर ने अरुण के परिवार के प्रति संवेदनाएं प्रकट करते हुए कहा कि यह क्षति अपूरणीय है। उन्होंने कहा कि पूरे क्षेत्र को अरुण की शहादत पर गर्व है और इस कठिन घड़ी में वे शोकाकुल परिवार के साथ खड़े हैं। अरुण का बलिदान न केवल लाहौल-स्पीति बल्कि पूरे देश के लिए प्रेरणा का स्रोत है।
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