उत्तर भारत में सर्दियों ने अब आधिकारिक तौर पर दस्तक दे दी है। हिमाचल प्रदेश के ऊपरी इलाकों में लगातार हो रही बर्फबारी का प्रभाव अब मैदानी राज्यों—हरियाणा, पंजाब और दिल्ली-एनसीआर में साफ दिखाई देने लगा है। बुधवार और गुरुवार की रातें बीते दिनों की तुलना में कहीं अधिक सर्द रहीं, जबकि सुबह के समय कोहरे और ठंडी हवाओं के कारण सामान्य जनजीवन की रफ्तार धीमी नजर आई।

हिमाचल की लाहौल-स्पीति, किन्नौर और मनाली-रोहतांग क्षेत्रों में हालिया बर्फबारी ने प्रदेश में ठंड का स्तर काफी बढ़ा दिया है। मौसम विभाग के अनुसार, इन पहाड़ी इलाकों में तापमान लगातार शून्य के आसपास पहुंच रहा है और ठंडी हवाएँ मैदानी क्षेत्रों की ओर तेजी से बह रही हैं। इन हवाओं का सीधा असर पंजाब, हरियाणा और दिल्ली-एनसीआर में महसूस किया जा रहा है, जहां न्यूनतम तापमान में पिछले 48 घंटों में उल्लेखनीय गिरावट दर्ज की गई है।
दिल्ली-एनसीआर और हरियाणा में चल रहीं उत्तर-पश्चिमी हवाओं ने जहां ठंड को बढ़ाया है, वहीं वायु गुणवत्ता में भी हल्का सुधार हुआ है। विशेषज्ञों का मानना है कि पहाड़ों से आने वाली साफ और ठंडी पछुआ हवाएं प्रदूषित वायु को फैलाकर वायुमंडल को कुछ हद तक हल्का कर देती हैं, जिससे स्मॉग में कमी आती है। हालांकि, ठंड बढ़ने के साथ ही सुबह-शाम धुंध की संभावना भी बढ़ने लगी है।
दूसरी ओर दक्षिण भारत में लौटते मानसून, जिसे नॉर्थ-ईस्ट मानसून भी कहा जाता है, सक्रिय हो गया है। तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश और केरल के कई क्षेत्रों में भारी बारिश की संभावना जताई गई है।
आने वाले दिनों का मौसम संकेत:
- हिमाचल प्रदेश के मध्य और ऊपरी पहाड़ी इलाकों में अब भी हल्की से मध्यम बर्फबारी जारी रहने की संभावना है।
- पंजाब और हरियाणा में रात के तापमान में और गिरावट हो सकती है।
- दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण में फिलहाल आंशिक राहत रहेगी, लेकिन तापमान में ठंडक तेज होगी।
- सुबह और रात के समय लोगों को ठंड से बचाव के लिए विशेष सावधानी बरतने की सलाह।
उत्तर भारत में सर्दियों का यह शुरुआती दौर है और मौसम विशेषज्ञों के अनुसार नवंबर के अंत तक ठंड की तीव्रता और बढ़ने की पूरी संभावना है।




