हिमाचल में : जनता की पीड़ा को बताया अनदेखा
हिमाचल प्रदेश भाजपा के वरिष्ठ प्रवक्ता और सुजानपुर के पूर्व विधायक राजेंद्र राणा ने कांग्रेस सरकार द्वारा मंडी में अपने तीन साल पूरे होने पर जश्न मनाने की घोषणा को अत्यंत “संवेदनहीन” और “जनता की पीड़ा का मज़ाक” बताया है। राणा ने कहा कि मंडी जिला प्राकृतिक आपदा से सबसे ज्यादा प्रभावित रहा, जहां सैकड़ों परिवार दिवाली तक नहीं मना सके, ऐसे में सरकार का वहीं जश्न करना जनता की भावनाओं के साथ खिलवाड़ है।
जारी बयान में राणा ने सरकार के तीन साल के कामकाज पर 18 गंभीर सवाल उठाए और दावा किया कि “सरकार की उपलब्धियां शून्य हैं और जनता की समस्याएं चरम पर हैं।”
उन्होंने पूछा कि क्या सरकार उन 1500 संस्थानों, जिनमें अनेक स्कूल भी शामिल हैं, को बंद करने का जश्न मना रही है? या फिर इस बात का कि सरकारी व्यवस्थाओं के चरमराने से हजारों छात्र पढ़ाई छोड़ने को मजबूर हुए? राणा ने कहा कि प्रदेश का कर्ज एक लाख करोड़ रुपये से ऊपर पहुंच गया है, जबकि युवाओं को मात्र 5000 रुपये वाली नौकरियों का सहारा मिला।
उन्होंने आरोप लगाया कि ठेकेदारों के बिल महीनों से रुके पड़े हैं, अस्पतालों में मरीज इलाज के लिए परेशान हैं, और शगुन योजना की बेटियां अब भी सहायता की प्रतीक्षा में हैं। महिलाओं को किए गए 1500 रुपये प्रतिमाह के वादे भी पूरे नहीं हुए।
कानून-व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए उन्होंने कहा कि “प्रदेश में अपराध बढ़ रहे हैं और सरकार जश्न का नारा लगा रही है, यह जनता के दर्द के प्रति संवेदनहीनता है।”
राणा ने यह भी आरोप लगाया कि सेवानिवृत्त कर्मचारी मेडिकल रिइम्बर्समेंट के लिए दर–दर भटक रहे हैं, कई दम तोड़ चुके हैं, लेकिन सरकार बेपरवाह है। परिवहन निगम, विश्वविद्यालय कर्मचारी और दिव्यांग तीन वर्षों से अपनी मांगों को लेकर संघर्ष कर रहे हैं, लेकिन उनकी आवाज अनसुनी की जा रही है।
उन्होंने कहा कि सरकार ने ट्रेज़री दिनों तक बंद रखी, जिससे पूरा तंत्र रुक गया। एक ईमानदार अधिकारी विमल नेगी ने भ्रष्टाचार रोकते हुए अपनी जान गंवा दी, पर सरकार इस पर मौन रही।
राणा ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री के करीबी लोगों के कांगड़ा केंद्रीय सहकारी बैंक के कर्ज माफ हुए, जबकि आम आदमी को राहत नहीं मिली। पत्रकारों और कर्मचारियों पर एफआईआर दर्ज कराकर उनकी आवाज दबाने की कोशिश की जा रही है, जो लोकतांत्रिक मूल्यों के खिलाफ है।
राणा ने कहा कि जश्न से पहले सरकार को जनता के सामने यह स्पष्ट करना चाहिए कि तीन साल में क्या सुधार हुए, कौन-सी योजनाएं लागू की गईं और किन क्षेत्रों में ठोस काम हुआ।
उन्होंने कहा—“जनता जश्न नहीं, जवाब चाहती है। जो सरकार जनता की मूल सुविधाएं तक नहीं दे पाई, वह जनता के पैसे से जश्न मना रही है। जनता सब देख रही है।”
राणा ने स्पष्ट किया कि भाजपा इन सभी मुद्दों पर सरकार से जवाब मांगती रहेगी और जनता की आवाज उठाती रहेगी।






