उपनिदेशक उद्यान अलक्ष पठानिया ने कहा कि जिला कांगड़ा में उद्यान विभाग द्वारा ड्रैगन फ्रूट की खेती को निरंतर प्रोत्साहित किया जा रहा है। वर्तमान में जिले में लगभग 3 हेक्टेयर क्षेत्र को ड्रैगन फ्रूट की खेती के अंतर्गत लाया जा चुका है, जिसमें करीब 5 बागवान इस फसल की खेती कर रहे हैं। यह खेती मुख्य रूप से नगरोटा सूरियां, नूरपुर, देहरा, रैत सहित अन्य क्षेत्रों में की जा रही है।
उन्होंने बताया कि ड्रैगन फ्रूट एक कैक्टस प्रजाति की फसल है, जो विशेष रूप से उन क्षेत्रों के लिए उपयुक्त है जहाँ तापमान 35 डिग्री सेल्सियस से अधिक रहता है। इसी कारण उद्यान विभाग द्वारा इसे जिले के गर्म क्षेत्रों में अधिक बढ़ावा दिया जा रहा है।
अलक्ष पठानिया ने कहा कि उद्यान विभाग द्वारा विभिन्न सरकारी योजनाओं के अंतर्गत ड्रैगन फ्रूट की खेती करने वाले किसानों एवं बागवानों को अनेक सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं। सिंचाई व्यवस्था के लिए किसानों को ड्रिप इरिगेशन, स्प्रिंकलर, रेनगन जैसी आधुनिक प्रणालियों पर अनुदान दिया जा रहा है, ताकि पानी की उचित व्यवस्था सुनिश्चित की जा सके। इन सुविधाओं के माध्यम से किसानों को सरकार की विभिन्न योजनाओं का लाभ प्रदान किया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि एरिया एक्सपेंशन योजना के अंतर्गत ड्रैगन फ्रूट की खेती का दायरा लगातार बढ़ाया जा रहा है और अब तक 3 हेक्टेयर क्षेत्र को इसके अंतर्गत लाया गया है। ड्रैगन फ्रूट की खेती के लिए किसानों को प्रति हेक्टेयर 3 लाख 37 हजार 500 रुपये तक का अनुदान दिया जा रहा है, जिसमें पौधों की लागत एवं सपोर्ट सिस्टम (खंभे आदि) पर होने वाला खर्च शामिल है। यह अनुदान किसानों को दो किस्तों में प्रदान किया जाता है, जिसमें पहली किस्त 60 प्रतिशत होती है।
उपनिदेशक ने बताया कि नगरोटा सूरियां क्षेत्र के किसान जीवन राणा द्वारा एक हेक्टेयर क्षेत्र में ड्रैगन फ्रूट की खेती की गई है, जिसमें लगभग 5000 पौधे लगाए गए हैं और इससे जीवन राणा को इस वर्ष लगभग 7 लाख रुपये की आमदनी प्राप्त हो चुकी है।
उन्होंने कहा कि ड्रैगन फ्रूट एक ऐसी फसल है जो जल्दी उत्पादन देना शुरू कर देती है और बाजार में इसकी अच्छी मांग है। वर्तमान में ड्रैगन फ्रूट 250 से 300 रुपये प्रति किलोग्राम के भाव से आसानी से बिक जाता है, जिससे किसानों को अच्छा लाभ मिल रहा है।
अलक्ष पठानिया ने बताया कि वर्तमान में जिले में नगरोटा सूरियां, नूरपुर, रैत और देहरा क्षेत्र के किसान ड्रैगन फ्रूट की खेती कर रहे हैं। उन्होंने युवाओं, बेरोजगार किसानों एवं बागवानों से आह्वान किया कि वे इस लाभकारी खेती को अपनाकर अपनी आय में वृद्धि कर सकते हैं।





