केंद्र सरकार ने हिमाचल प्रदेश का पैसा रोका, तकलीफ में आए प्रदेश के लोग, यह ठीक नहीं है समझे बीजेपी

केंद्र सरकार ने हिमाचल प्रदेश का पैसा रोका, तकलीफ में आए प्रदेश के लोग, यह ठीक नहीं है समझे बीजेपी

हिमाचल प्रदेश के पंचायती राज और ग्रामीण विकास मंत्री अनिरूद्ध सिंह ने ये जानकारी दी है कि मनरेगा के तहत बीते तीन महीनों से सेंट्रल शेयर नहीं आया है, जिसके चलते ग्राम पंचायतों में तैनात हजारों तकनीकी सहायक और ग्रामीण रोजगार सेवकों का वेतन रुक गया है. इनके वेतन पर हर महीने करीब 5 करोड़ खर्च होते हैं.

मोदी सरकार ने इससे पहले हिमाचल प्रदेश की कर्ज की सीमा 5500 करोड़ घटाने और एनपीए की मैचिंग ग्रांट बंद करने के बाद केंद्र सरकार का यह हिमाचल प्रदेश में आयी सुक्खू सरकार के लिए बड़ा फैसला है जो कि हिमाचल के हित में नहीं है.

पंचायती राज और ग्रामीण विकास मंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार का यह निर्णय प्रदेश सरकार के लिए ठीक नहीं है. केंद्र सरकार को यह सोचना चाहिए कि हिमाचल प्रदेश एक छोटा राज्य है और यहां पर बदला लेने की भावना से कार्य करना न्याय संगत नहीं है. अभी तक हिमाचल प्रदेश सरकार को केंद्र सरकार ने जीएसटी का स्टेट शेयर भी नहीं दिया है.

हिमाचल प्रदेश में बीजेपी की सरकार के समय में केंद्र में बैठी मोदी सरकार ने सभी सहूलियतें दी थी. पर अब जब सरकार बदल कर कॉंग्रेस की आयी है तो हिमाचल प्रदेश की लोन क्रेडिट लिमिट में केंद्र की तरफ से 5500 करोड़ रुपये की कमी की गई है. अगर देखा जाए तो जयराम राज केंद्र ने कर्ज लेने की सीमा को बढ़ाने की मंजूरी दी थी लेकिन अब सरकार बदलते ही केंद्र ने अपना नया चेहरा दिखा दिया है और प्रदेश की सुखु सरकार मुश्किल में आ गई है.

 

 

 

 

Picture is only used for the reference only,

 

Related post

C-814 अपहरण का मास्टरमाइंड और जैश का ऑपरेशनल प्रमुख अब्दुल रऊफ अज़हर ढेर

C-814 अपहरण का मास्टरमाइंड और जैश का ऑपरेशनल प्रमुख…

ऑपरेशन सिंदूर: जैश-ए-मोहम्मद के खतरनाक आतंकी रऊफ अज़हर का अंत, भारत ने चुकाया पहलगाम हमले का बदला   भारतीय वायुसेना की…
हिमाचल में सफर अब होगा महंगा: सरकार ने बस किराए में की औसतन 15% की बढ़ोतरी

हिमाचल में सफर अब होगा महंगा: सरकार ने बस…

हिमाचल प्रदेश की जनता को एक बार फिर जेब पर बोझ झेलने के लिए तैयार रहना होगा, क्योंकि प्रदेश सरकार ने…

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *