किसानों की समृद्धि को समर्पित है हिमाचल प्रदेश सरकार की सोच

किसानों की समृद्धि को समर्पित है हिमाचल प्रदेश सरकार की सोच

मुख्यमंत्री सुक्खू से भेंट में एपीएमसी अध्यक्षों का आभार प्रदर्शन

हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू से बुधवार को शिमला में प्रदेशभर की कृषि उपज मंडी समितियों के अध्यक्षों ने भेंट कर राज्य सरकार द्वारा बजट में किसानों के लिए की गई घोषणाओं के प्रति आभार व्यक्त किया। इस प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व हमीरपुर कृषि उपज मंडी समिति के अध्यक्ष अजय शर्मा ने किया। मुख्यमंत्री से हुई इस मुलाकात को किसानों की आय में वृद्धि और राज्य की ग्रामीण आर्थिकी को सशक्त बनाने के एक निर्णायक क्षण के रूप में देखा जा रहा है।

अजय शर्मा ने जानकारी दी कि मुख्यमंत्री ने राज्य कृषि विपणन बोर्ड की शीघ्र बैठक आयोजित करने के निर्देश दिए हैं। यह बैठक व्यापक स्तर पर आयोजित की जाएगी जिसमें विपणन बोर्ड के सभी पदाधिकारी, विभिन्न जिलों की एपीएमसी से जुड़े अध्यक्ष, कृषि, बागवानी एवं अन्य संबंधित विभागों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहेंगे। इस बैठक को राज्य के कृषि बाजारों की संरचना और किसानों तक योजनाओं के लाभ पहुंचाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।

प्रतिनिधिमंडल ने प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए मुख्यमंत्री द्वारा न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की अलग से घोषणा की सराहना की। उनका मानना है कि इस निर्णय से न केवल किसानों की आय में वृद्धि होगी, बल्कि रसायनमुक्त खेती की ओर एक सकारात्मक बदलाव भी सुनिश्चित होगा। साथ ही, हल्दी के लिए MSP की घोषणा और हमीरपुर में स्पाइस पार्क की स्थापना का निर्णय भी प्रदेश के किसानों के लिए आर्थिक रूप से बेहद लाभकारी सिद्ध होगा।

एपीएमसी पदाधिकारियों ने इस बात पर भी बल दिया कि राज्य सरकार द्वारा किसानों और बागवानों के लिए बनाई गई योजनाओं का लाभ जमीनी स्तर तक पहुंचाने की जिम्मेदारी जिला स्तरीय कृषि उपज मंडी समितियों की है। उन्होंने आश्वासन दिया कि प्रत्येक एपीएमसी पूरी तत्परता और पारदर्शिता के साथ इस दिशा में कार्य करेगी, ताकि हर किसान को उसकी मेहनत का वाजिब मूल्य मिल सके।

प्रतिनिधियों का यह भी कहना था कि मुख्यमंत्री सुक्खू द्वारा प्रस्तुत बजट न केवल दूरदर्शी है बल्कि कृषि को आर्थिक रीढ़ की हड्डी के रूप में पुनः स्थापित करने की दिशा में एक साहसिक प्रयास भी है। सरकार की इन नीतियों से न केवल किसानों का आत्मविश्वास बढ़ेगा, बल्कि खेती से विमुख हो रही युवा पीढ़ी भी पुनः इस क्षेत्र की ओर आकर्षित होगी।

यह मुलाकात न केवल धन्यवाद ज्ञापन थी, बल्कि प्रदेश के किसानों और सरकार के बीच विश्वास और सहभागिता के एक नए अध्याय की शुरुआत भी थी—जहां नीतियां केवल कागज़ों पर नहीं, बल्कि खेतों और मंडियों तक अपना प्रभाव छोड़ती हैं।

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