राजकीय पॉलिटेक्निक हमीरपुर में शिक्षकों के लिए ‘आईओटी और एआई’ पर फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम शुरू, तकनीकी शिक्षा में नवाचार को मिलेगा बढ़ावा

0
3

तकनीकी शिक्षा में गुणवत्ता, नवाचार और आधुनिक तकनीकी दक्षता को सशक्त करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल करते हुए राजकीय पॉलिटेक्निक कॉलेज हमीरपुर में सोमवार को पाँच दिवसीय ऑफलाइन फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम (एफडीपी) का शुभारंभ हुआ। ‘इंट्रोडक्शन टू इंटरनेट ऑफ थिंग्स (आईओटी) एंड आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई)’ विषय पर आधारित यह विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम इलेक्ट्रॉनिक्स एवं आईसीटी अकादमी, सी-डैक मोहाली द्वारा आयोजित किया जा रहा है, जिसे भारत सरकार के इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय द्वारा पूर्ण रूप से प्रायोजित किया गया है।

तकनीकी शिक्षा निदेशक एवं वरिष्ठ एचएएस अधिकारी अक्षय सूद ने इस कार्यक्रम का वर्चुअल उद्घाटन करते हुए शिक्षकों से आह्वान किया कि वे उभरती तकनीकों में दक्षता प्राप्त कर अपने छात्रों को भविष्य के लिए बेहतर रूप से तैयार करें। उन्होंने कहा कि एआई और आईओटी जैसी तकनीकें भविष्य की नींव हैं और शिक्षा जगत को इसके साथ कदम से कदम मिलाकर चलना होगा।

उद्घाटन सत्र में मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित सी-डैक मोहाली के डॉ. बलविंदर सिंह ने तकनीकी शिक्षा में नवाचार की महत्ता को रेखांकित करते हुए प्रतिभागियों को प्रेरित किया। कार्यक्रम के प्राचार्य इंजीनियर चंद्रशेखर ने जानकारी दी कि यह एफडीपी खासकर हिमाचल प्रदेश के पॉलिटेक्निक, आईटीआई और सरकारी स्कूलों के शिक्षकों के लिए डिज़ाइन किया गया है, ताकि वे तकनीकी उन्नयन में समर्थ बन सकें।

कार्यक्रम में कुल 46 प्रतिभागियों ने भाग लिया, जिनमें 34 पुरुष और 12 महिलाएं शामिल हैं। इनमें से 27 प्रतिभागी पॉलिटेक्निक संस्थानों से, 18 आईटीआई से और 1 प्रतिभागी राजकीय विद्यालय से हैं। चयन प्रक्रिया पूरी तरह से सी-डैक मोहाली द्वारा निगरानी में की गई और यह पूरी तरह निशुल्क है। प्रतिभागियों को अध्ययन सामग्री, भोजन और प्रमाण-पत्र भी निःशुल्क प्रदान किए जाएंगे।

एफडीपी के मुख्य संयोजक पंकज ठाकुर (आईटी विभागाध्यक्ष) और सह-संयोजक वरुण गुप्ता (सीनियर लेक्चरर, कंप्यूटर इंजीनियरिंग) इस आयोजन को सुव्यवस्थित रूप से संचालित कर रहे हैं। उल्लेखनीय है कि संस्थान ने बीते वर्ष भी दो सफल एफडीपी आयोजित किए थे, जो इसके कुशल प्रबंधन और शिक्षण गुणवत्ता का प्रमाण हैं।

यह समाचार वेब मीडिया स्रोतों पर आधारित है, जो अंतरराष्ट्रीय समाचार वेबसाइटों से प्राप्त सूचनाओं पर आधारित है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here