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Tuesday, May 13, 2025

सरकार गांव के द्वार कार्यक्रम में हो रहा आमजन की समस्याओं का समाधान- हर्षवर्धन चौहान

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पांवटा साहिब के राजपुर में सरकार गांव के द्वार कार्यक्रम आयोजित

75 आवेदनों में 51 मांगे व 24 शिकायतें दर्ज हुई

नाहन 13 मई। सिरमौर जिला का चौथा‘‘सरकार गांव के द्वार’’ कार्यक्रम आज पांवटा साहिब विधानसभा क्षेत्र की ग्राम पंचायत राजपुर में आयोजित किया गया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता उद्योग, संसदीय मामले एवं श्रम रोज़गार मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने की। कार्यक्रम के दौरान क्षेत्र की विभिन्न पंचायतों से आए लोगों ने कुल 75 आवेदन प्रस्तुत किये जिनमें 51 मांगे व 24 शिकायतें शामिल हैं। सभी समस्याओं का उद्योग मंत्री द्वारा मौके पर समाधान किया गया तथा मांगो को संबंधित विभागों को आगामी कार्रवाई हेतु प्रेषित किया गया।
उद्योग मंत्री ने क्षेत्रवासियों की शिकायतों के आधार पर संबंधित विभाग के अधिकारियों को आदेश देते हुए कहा कि संबंधित अधिकारी स्वयं मौक़े पर जाकर उनकी समस्याओं को देखें तथा जल्द से जल्द उनका निराकरण भी सुनिश्चित करें।
इस अवसर पर संबोधित करते हुए हर्षवर्धन चौहान ने कहा कि सरकार गांव के द्वार कार्यक्रम मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू का एक महत्वाकांक्षी कार्यक्रम है जो लोगों को उनके घर द्वार के समीप उनकी समस्याओं का समाधान सुनिश्चित बनाने का एक महत्वपूर्ण माध्यम बना है। उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम के द्वारा प्रदेश सरकार का प्रयास है कि सरकार के प्रतिनिधि गाँव-गाँव जाकर आम जनता की समस्याओं को सुनें व समझें तथा उनका समाधान भी सुनिश्चित कर सके।
उन्होंने कहा कि इस प्रकार के कार्यक्रमों के माध्यम से सरकार की आकांक्षाओं को समझा जा सकता है कि प्रदेश सरकार सत्ता का सुख भोगने नहीं अपितु व्यवस्था परिवर्तन की दिशा में कार्य कर रही है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में आपदा के समय दस हज़ार करोड़ की क्षति होने से प्रदेश को आर्थिक नुक़सान हुआ। इस दौरान प्रदेश सरकार ने अपने संसाधनों से ही आपदा प्रभावित व्यक्तियों की मदद की।

इसके उपरांत केंद्र सरकार से प्रदेश को मिलने वाली राशि में भी कटौती जा रही है ताकि प्रदेश में विकास की गति को धीमा किया जा सके परन्तु मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व में प्रदेश सरकार निरन्तर प्रगति के पथ पर अग्रसर है।

उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने किसानों की आर्थिकी को सुदृढ़ बनाने के उद्देश्य से गाय का दूध 51 रुपये तथा भैंस का दूध 61 रुपये निधारित कर हिमाचल देश का पहला राज्य बना, जो दूध का सबसे अधिक न्यूनतम मूल्य दे रहा है।
उन्होंने कहा कि सरकार ने अनाथ बच्चों को चिल्ड्रन ऑफ द स्टेट के रूप में अपनाया तथा उनकी देखभाल का जिम्मा राज्य सरकार उठा रही है। मुख्यमंत्री सुख-आश्रय योजना के तहत सरकार 5000 बच्चों की शिक्षा और देखरेख प्रदान कर रही है।
सरकार गांव के द्वारा कार्यक्रम में विभिन्न विभागों ने प्रदर्शनियां लगाई जिनमें विभागीय योजनाओं की जानकारी के अलावा विभिन्न विभागों के उत्पादों को प्रदर्शित किया गया। इस कार्यक्रम में स्वास्थ्य विभाग द्वारा लोगों के स्वास्थ्य जांच की गई।
राजस्व विभाग द्वारा इस अवसर पर 4 इंतकाल किए गए, 7 प्रमाण पत्र बनाए गए तथा 2 शिकायतों का निराकरण किया गया।

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