सराज को फिर खड़ा करेंगे अपने पांवों पर: पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर

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जयराम ठाकुर ने हिमसत्ता से कहा – सराज की तबाही के बाद हर संभव मदद होगी सुनिश्चित
आपदा प्रभावित सराज क्षेत्र में पुनर्निर्माण को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री ने सरकार और केंद्र से सहयोग की मांग की
राजनीति से ऊपर उठकर आपदा राहत पर ध्यान केंद्रित करने का आह्वान

हिमाचल प्रदेश के सराज क्षेत्र में आपदा से तबाही के बीच पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने आश्वासन दिया कि क्षेत्र को फिर से खड़ा किया जाएगा और हर संभव मदद दिलाई जाएगी।

हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले के सराज क्षेत्र में हाल ही में आई भीषण प्राकृतिक आपदा ने लोगों के जीवन को पूरी तरह से झकझोर कर रख दिया है। भारी बारिश और भूस्खलन से यहां अब तक 36 लोगों की जान जा चुकी है, करीब 500 घर पूरी तरह से मलबे में तब्दील हो गए हैं और 1000 से अधिक मकान आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हुए हैं। सैकड़ों परिवार बेघर हो गए हैं, जीवनयापन के साधन नष्ट हो चुके हैं और लोग असहाय स्थिति में खुले आसमान तले रात गुजारने को मजबूर हैं।

इस विनाशकारी परिस्थिति में सराज क्षेत्र के विधायक और हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने प्रभावित परिवारों को भरोसा दिलाया है कि वे हर संभव प्रयास करेंगे ताकि यह क्षेत्र एक बार फिर अपने पैरों पर खड़ा हो सके। हिमसत्ता न्यूज़ से बातचीत में उन्होंने कहा कि यह समय राजनीति का नहीं, बल्कि पीड़ित जनता के साथ खड़े होने का है। उन्होंने आश्वासन दिया कि चाहे केंद्र से मदद लेने की बात हो या राज्य स्तर पर राहत कार्यों को गति देने की, वे व्यक्तिगत रूप से इस अभियान की अगुवाई करेंगे और कोई कसर नहीं छोड़ेंगे।

जयराम ठाकुर ने कहा कि यह दुखद है कि जहां मुख्यमंत्री एक आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त पुल को केवल फोन पर 10 लाख रुपये की सहायता देने की घोषणा करते हैं, वहीं सराज क्षेत्र में दर्जनों लोग जान गंवा चुके हैं, हजारों परिवार बेघर हो चुके हैं और बुनियादी ढांचा बुरी तरह तबाह हो गया है। उन्होंने सवाल उठाया कि जब हालात इतने गंभीर हैं, तब भी सरकार का ध्यान दफ्तरों और संस्थानों को इधर-उधर शिफ्ट करने में क्यों लगा है, जबकि लोगों को तत्काल राहत और पुनर्वास की जरूरत है।

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने पीडब्ल्यूडी विभाग और संबंधित अधिकारियों से अनुरोध किया है कि तुरंत डीपीआर (विस्तृत परियोजना रिपोर्ट) तैयार की जाए ताकि इस मामले को केंद्र सरकार के सामने उठाकर आपदा राहत फंड की मदद प्राप्त की जा सके। जब उनसे इस बारे में पूछा गया कि प्रदेश के राजस्व मंत्री जगत सिंह ने केंद्र से किसी तरह की मदद मिलने की संभावना को नकार दिया है, तो जयराम ठाकुर ने कहा कि वे इस तरह की बयानबाजी पर प्रतिक्रिया देने योग्य नहीं समझते क्योंकि इस समय ऐसी राजनीति जनता का मनोबल तोड़ने वाली है।

उन्होंने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू को भी याद दिलाया कि वे केवल कांग्रेस पार्टी के नेता नहीं बल्कि पूरे प्रदेश के मुख्यमंत्री हैं। इस कठिन समय में उन्हें किसी भी क्षेत्र या विधानसभा क्षेत्र में भेदभाव नहीं करना चाहिए। प्रदेश की हर जनता उनकी जिम्मेदारी है और हर प्रभावित परिवार को समान रूप से राहत और सहायता मिलनी चाहिए।

जयराम ठाकुर ने आगे कहा कि आपदा किसी पार्टी या व्यक्ति को देखकर नहीं आती, यह प्रकृति की मार है जिसे किसी ने पहले से नहीं सोचा था। इसलिए कांग्रेस और भाजपा दोनों के नेताओं को मिलकर प्रदेश के पुनर्निर्माण के प्रयास करने चाहिए। उन्होंने कहा कि वे एक आस्थावान व्यक्ति हैं और ईश्वर पर विश्वास रखते हैं कि इन कठिन दिनों के बाद फिर से सराज क्षेत्र में पुराने दिन लौटेंगे। उन्होंने विश्वास जताया कि जनसहयोग, सरकारी पहल और केंद्र के समर्थन से सराज को पुनर्जीवित किया जाएगा।

पूर्व मुख्यमंत्री ने साफ कहा कि वे राजनीति से ऊपर उठकर पीड़ितों के लिए काम करेंगे। उनका उद्देश्य केवल इतना है कि जो परिवार आज बेघर और बेसहारा हो गए हैं, उन्हें छत मिले, बच्चों की पढ़ाई दोबारा शुरू हो सके, सड़कों और पुलों का पुनर्निर्माण हो और रोजगार के साधन वापस लौटें। उन्होंने कहा कि सराज क्षेत्र की जनता ने हमेशा उन्हें अपार स्नेह और समर्थन दिया है और इस संकट की घड़ी में वे उनके साथ खड़े रहेंगे।

जयराम ठाकुर का यह बयान ऐसे समय में आया है जब प्रदेश सरकार पर विपक्ष बार-बार आपदा प्रबंधन में सुस्ती और संवेदनशीलता की कमी का आरोप लगा रहा है। जनता की उम्मीदें अब केंद्र और राज्य के बीच बेहतर समन्वय और राहत कार्यों की गति पर टिकी हुई हैं।


हिमसत्ता न्यूज़ इंटरव्यू और राज्य स्तरीय आपदा राहत रिपोर्ट्स

नोट: यह एक वेब-जनित समाचार रिपोर्ट है।

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