हिमाचल प्रदेश के सिरमौर ज़िले के राजगढ़ क्षेत्र से आ रही ताज़ा खबर ने एक बार फिर पहाड़ों में जारी प्राकृतिक आपदाओं की भयावह तस्वीर सामने रख दी है। इलाके के धामला गांव में देर रात हुई तेज़ बारिश के बाद भूस्खलन ने एक पक्के मकान को पूरी तरह अपनी चपेट में ले लिया। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, भूस्खलन इतना तेज़ था कि देखते ही देखते मकान ज़मीन के साथ खिसक गया और मलबे में तब्दील हो गया। मकान के साथ सटी एक दुकान, जिसमें टायर और स्पेयर पार्ट्स का कारोबार चलता था, भी इस आपदा में पूरी तरह बर्बाद हो गई। प्रारंभिक अनुमान के अनुसार, दुकान का नुकसान लगभग 3 लाख रुपये का है, जबकि मकान को हुए नुकसान की कीमत करीब 5 लाख रुपये आंकी जा रही है। यह हादसा सिर्फ संपत्ति के नुकसान तक सीमित नहीं है, बल्कि इससे प्रभावित परिवार का रोज़गार भी छिन गया है, जो पूरी तरह इसी व्यवसाय पर निर्भर था।
यह घर और दुकान विनय भगनाल, पुत्र स्वर्गीय लक्ष्मी सिंह चौहान की है, जो इस समय प्रकृति के कहर का सामना कर रहे हैं।




बारिश और भूस्खलन से पहले ही पहाड़ी क्षेत्रों में लोग असुरक्षा और चिंता के माहौल में जी रहे थे, और अब इस घटना ने हालात को और गंभीर बना दिया है। प्रभावित परिवार ने सरकार और प्रशासन से तत्काल मुआवज़ा और वित्तीय सहायता की मांग की है, ताकि वे अपनी जिंदगी और रोज़मर्रा के कामकाज को फिर से शुरू कर सकें। स्थानीय लोग भी प्रशासन से राहत और पुनर्वास के इंतज़ाम तेज़ी से करने की अपील कर रहे हैं। इस बीच, मौसम विभाग ने चेतावनी जारी करते हुए आने वाले दिनों में और बारिश की संभावना जताई है, जिससे भूस्खलन और बारिश का ख़तरा बना हुआ है। पहाड़ी इलाकों में लगातार हो रही प्राकृतिक आपदाएं यह संकेत देती हैं कि पर्वतीय राज्यों में मज़बूत आपदा प्रबंधन और त्वरित राहत व्यवस्था की ज़रूरत अब पहले से कहीं अधिक है।
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