मंडी,हिमाचल प्रदेश राज्य बिजली बोर्ड लिमिटेड में जारी कथित कुप्रबंधन और दो वरिष्ठ अभियंताओं—लोकेश ठाकुर और हीरा लाल वर्मा—के खिलाफ की गई अनुशासनात्मक कार्रवाई ने राज्यभर के बिजली कर्मचारियों, अभियंताओं और पेंशनधारकों को एकजुट कर दिया है। इस मुद्दे पर मंडी में आयोजित प्रेस वार्ता में संयुक्त संघर्ष समिति के अध्यक्ष इंजीनियर ए.एस. गुप्ता और अन्य पदाधिकारियों ने सरकार और बोर्ड प्रबंधन के खिलाफ खुलकर विरोध जताया।
संयुक्त मोर्चे का आरोप है कि बोर्ड में व्याप्त अराजकता अब चरम पर पहुंच चुकी है और अधिकारियों द्वारा कर्मचारियों की आवाज को दबाने के लिए असंवैधानिक तरीके अपनाए जा रहे हैं। समिति ने कहा है कि इंजीनियर लोकेश ठाकुर और हीरा लाल वर्मा के खिलाफ की गई कार्रवाई कर्मचारियों के लोकतांत्रिक अधिकारों का खुला उल्लंघन है और इसे किसी भी स्थिति में स्वीकार नहीं किया जाएगा।
बोर्ड के भीतर कथित युक्तिकरण के नाम पर पदों को समाप्त किया जा रहा है, जो कर्मचारियों के भविष्य को प्रभावित करने के साथ-साथ प्रदेश के 28 लाख उपभोक्ताओं के हितों को भी नुकसान पहुंचा रहा है। समिति ने साफ किया है कि वे युक्तिकरण के विरोध में नहीं हैं, लेकिन इसके नाम पर हो रही छंटनी और मनमानी व्यवस्था का जोरदार विरोध करेंगे।
प्रेस वार्ता में बताया गया कि बोर्ड लगातार घाटे में जा रहा है, जिसका कारण प्रबंधन की अक्षमता और गैर-पेशेवर रवैया है। केवी स्टेशनों की देखरेख में लापरवाही, अनावश्यक खर्च और बंद पड़े मीटरों को दुरुस्त न करने से राजस्व हानि हो रही है। समिति का कहना है कि बिजली पर सब्सिडी केवल जरूरतमंदों को दी जानी चाहिए, जबकि सभी बकायों की वसूली के लिए ठोस योजना बनाई जानी चाहिए।
संघर्ष समिति ने सरकार से 2010 में हुए कर्मचारी-सरकार समझौते को लागू करने की मांग की है। साथ ही यह भी कहा है कि पेंशन, ग्रेच्युटी, अवकाश नकदीकरण जैसी लंबित देनदारियों को तत्काल जारी किया जाए। मुख्यमंत्री से अपील की गई है कि वे अक्षम और भ्रष्ट अधिकारियों को हटाएं और संयुक्त संघर्ष समिति से 7 अगस्त से पहले वार्ता करें, अन्यथा शिमला में प्रस्तावित राज्य स्तरीय विरोध प्रदर्शन और अधिक उग्र रूप ले सकता है।
इस विरोध की अगुवाई इंजीनियर ए.एस. गुप्ता कर रहे हैं, जबकि समिति में जगमेल ठाकुर, के.एस. जम्वाल, सोहन सिंह चौहान, बलवंत सैन, दलीप सिंह, कन्नव राणा, जितेंदर वालिया, राजेश बहल, डी.डी. राणा और हितेश वैद्य सहित कई वरिष्ठ पदाधिकारी शामिल हैं।
यह समाचार अंतरराष्ट्रीय वेब मीडिया स्रोतों से प्राप्त खबरों पर आधारित है।