हिमाचल प्रदेश में मानसून की बारिश ने एक बार फिर अपना विकराल रूप दिखाया है। रविवार सुबह कुल्लू जिले के पाहनाला क्षेत्र में अचानक आई बाढ़ ने स्थानीय लोगों की जिंदगी को हिला दिया, जबकि मंडी जिला में भी पानी और मलबे ने भारी तबाही मचाई। नगवाईं से लेकर औट तक का पूरा क्षेत्र बाढ़ की चपेट में आ गया, जहां तेज बहाव के साथ आए मलबे और पानी ने सबकुछ अस्त-व्यस्त कर दिया। मंडी की मुख्य सब्जी मंडी टकोली और टकोली फोरलेन तक मलबा पहुंच गया, जिससे सड़कें पूरी तरह से बाधित हो गईं और कारोबार ठप्प पड़ गया।
इस आपदा ने लोगों की रोजमर्रा की जिंदगी को गंभीर रूप से प्रभावित किया है। कई घरों में पानी और मलबा भर गया है, जिससे परिवारों को न सिर्फ अपनी संपत्ति बल्कि अपनी बुनियादी जरूरतों तक का नुकसान झेलना पड़ा है। मंडी की टकोली सब्जी मंडी में व्यापार पूरी तरह ठप हो गया है, क्योंकि दुकानों के अंदर तक मलबा घुस गया। व्यापारी और स्थानीय लोग अब अपने सामान को बचाने और मलबे से निकालने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन नुकसान इतना ज्यादा है कि स्थिति को सामान्य करने में समय लगेगा।
मंडी और कुल्लू के बीच का चंडीगढ़-मनाली फोरलेन, जो हिमाचल का प्रमुख राष्ट्रीय मार्ग है, कई जगहों पर बंद हो गया है। मलबे और भूस्खलन ने इस मार्ग को अवरुद्ध कर दिया है, जिससे यात्रियों और स्थानीय लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। हजारों पर्यटक और स्थानीय लोग इस मार्ग पर फंसे हुए हैं और प्रशासन लगातार संपर्क बहाल करने के प्रयास कर रहा है।
औट तहसील के सारानाला में बाढ़ ने निजी कंपनियों को भी नुकसान पहुंचाया। एफकॉन कंपनी के ऑफिस और कॉलोनी की दीवारें बाढ़ के तेज बहाव में ढह गईं। कर्मचारियों ने किसी तरह समय रहते भागकर अपनी जान बचाई, लेकिन कंपनी की संपत्ति को भारी नुकसान हुआ। स्थानीय निवासियों ने बताया कि पानी इतनी तेजी से आया कि लोगों को बचाव का समय ही नहीं मिला। आसपास के घरों में रहने वाले परिवारों ने अपने घर और सामान बर्बाद होते हुए असहाय होकर देखा।
टकोली, पनारसा और नगवाईं जैसे इलाकों में बाढ़ और मलबे ने दस से ज्यादा गाड़ियों को अपनी चपेट में ले लिया। कई वाहन मलबे में दब गए जबकि कुछ पानी के तेज बहाव में बह गए। सड़कों के पूरी तरह बंद हो जाने से इन क्षेत्रों में लोगों का आवागमन लगभग रुक गया है। राहत और बचाव दल मौके पर पहुंचे हैं, लेकिन लगातार मलबा और पानी आने से राहत कार्य भी चुनौतीपूर्ण हो गया है।
मंडी के एएसपी सचिन हिरेमठ ने जानकारी दी कि पनारसा, टकोली और नगवाईं क्षेत्रों में अचानक बाढ़ आने की घटनाएं दर्ज की गई हैं और इसके कारण चंडीगढ़-मनाली राष्ट्रीय राजमार्ग पर कई जगहों पर संपर्क बाधित हुआ है। उन्होंने कहा कि अब तक किसी जनहानि की सूचना नहीं है, लेकिन संपत्ति का बड़ा नुकसान हुआ है।
हिमाचल प्रदेश के पर्वतीय इलाकों में बारिश के कारण भूस्खलन और बाढ़ का खतरा हर साल सामने आता है, लेकिन इस बार तबाही का पैमाना और भी बड़ा नजर आ रहा है। स्थानीय लोग अब प्रशासन से तेज और ठोस कदम उठाने की उम्मीद कर रहे हैं, ताकि सड़कें साफ हों, कारोबार दोबारा शुरू हो सके और जीवन सामान्य हो सके। फिलहाल प्रदेश का बड़ा हिस्सा प्राकृतिक आपदा की इस मार से जूझ रहा है और लोग भय और असुरक्षा की स्थिति में हैं।
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