हिमाचल प्रदेश सरकार ने नशे के खिलाफ बड़ा कदम उठाते हुए *एंटी-चिट्टा वालंटियर स्कीम (ACVS)* शुरू करने की तैयारी कर ली है। मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू की घोषणा के बाद अब पूरे प्रदेश में 1000 से ज्यादा वालंटियर तैनात किए जाएंगे। ये वालंटियर पुलिस और समाज के बीच कड़ी बनकर काम करेंगे, लोगों को नशे के नुकसान के बारे में जागरूक करेंगे, संदिग्ध गतिविधियों की सूचना पुलिस तक पहुंचाएंगे और प्रभावित परिवारों को पुनर्वास केन्द्रों से जोड़ेंगे।
सरकार ने साफ किया है कि वालंटियर की पहचान गुप्त रखी जाएगी और उनकी सुरक्षा सुनिश्चित की जाएगी। उन्हें दो दिन की ट्रेनिंग दी जाएगी जिसमें NDPS एक्ट और पुलिस प्रक्रियाओं की जानकारी होगी। मुख्यमंत्री सुक्खू ने कहा कि उनकी सरकार ने सत्ता में आने के बाद नशे के खिलाफ सख्त कार्रवाई की है—42 करोड़ से ज्यादा की संपत्ति ड्रग माफिया से जब्त की गई है और पुलिस भर्ती में चिट्टा टेस्ट अनिवार्य किया गया है। सरकार का लक्ष्य है कि सामुदायिक भागीदारी और कड़े कानूनों के जरिए हिमाचल को नशा मुक्त बनाया जाए।
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