हिमाचल प्रदेश में 29 जून 2025 को प्रस्तावित पांच महत्वपूर्ण परीक्षाओं के एक ही दिन आयोजित होने को लेकर आम आदमी पार्टी ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। पार्टी ने इस मुद्दे को लेकर मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू को एक ज्ञापन सौंपते हुए युवाओं के हित में तत्काल हस्तक्षेप की मांग की है। पार्टी ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि यदि परीक्षा की तिथियों में तुरंत बदलाव नहीं किया गया तो वह सड़कों पर उतरकर आंदोलन करने को बाध्य होगी।
ज्ञापन में आम आदमी पार्टी ने उल्लेख किया है कि 29 जून को हिमाचल प्रदेश प्रशासनिक सेवा (HPAS) प्रारंभिक परीक्षा, UGC-NET, उत्तराखंड लोक सेवा आयोग (UKPSC) की परीक्षा, IIT मंडी की क्लर्क भर्ती परीक्षा और पंजाब यूनिवर्सिटी की LLB प्रवेश परीक्षा जैसी अहम परीक्षाएं एक ही दिन निर्धारित की गई हैं। इस निर्णय से प्रदेश के लगभग 35 हजार से अधिक अभ्यर्थियों के सामने एक असाधारण संकट उत्पन्न हो गया है। यह टकराव न केवल उनकी सालों की मेहनत को नजरअंदाज करता है, बल्कि उनके आर्थिक और मानसिक संतुलन को भी प्रभावित कर रहा है।
पार्टी ने आरोप लगाया कि यह स्थिति हिमाचल प्रदेश लोक सेवा आयोग और अन्य संबद्ध संस्थाओं की घोर लापरवाही और संवेदनहीनता का प्रत्यक्ष प्रमाण है। परीक्षाओं के लिए हजारों की संख्या में युवाओं ने आवेदन शुल्क अदा किया है और महीनों तक कठोर परिश्रम किया है, लेकिन अब उन्हें केवल एक परीक्षा को चुनने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। यह न केवल उनके संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन है, बल्कि इसे एक सुनियोजित “शोषण” बताया जा रहा है, जिसमें युवाओं से शुल्क वसूला गया और फिर उन्हें उनके अधिकार से वंचित कर दिया गया।
आम आदमी पार्टी ने मुख्यमंत्री से आग्रह किया है कि वह HPPSC और अन्य संस्थानों को निर्देश दें कि कम से कम दो परीक्षाओं की तिथियां तुरंत आगे बढ़ाई जाएं, जिससे हर अभ्यर्थी को सभी परीक्षाओं में भाग लेने का समान अवसर मिल सके। पार्टी का कहना है कि सरकार को यह समझना होगा कि बेरोजगारी और परीक्षा संघर्ष से जूझ रहे युवाओं के लिए यह अवसर कितना अहम है।
यदि सरकार इस संवेदनशील मुद्दे को नजरअंदाज करती है और कोई ठोस कदम नहीं उठाती, तो आम आदमी पार्टी ने चेतावनी दी है कि वह प्रदेश के लाखों बेरोजगार युवाओं और छात्र संगठनों के साथ मिलकर एक व्यापक जनआंदोलन की शुरुआत करेगी। पार्टी ने कहा है कि इस अन्यायपूर्ण स्थिति के लिए मुख्यमंत्री को व्यक्तिगत रूप से जिम्मेदार ठहराया जाएगा और तब तक विरोध प्रदर्शन जारी रहेगा जब तक युवाओं को उनका हक नहीं मिल जाता।
यह मामला केवल परीक्षा तिथियों के टकराव का नहीं, बल्कि युवाओं की आशाओं, अवसरों और भविष्य के साथ किए जा रहे एक बड़े खिलवाड़ का है। आम आदमी पार्टी ने दोहराया कि वह हर मंच पर युवाओं के अधिकारों की रक्षा के लिए खड़ी है और किसी भी प्रकार की अनदेखी को स्वीकार नहीं किया जाएगा।
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