शिमला । क्रिसमस और नववर्ष के दौरान शिमला में बढ़ने वाली पर्यटकों की भारी भीड़ को देखते हुए जिला प्रशासन ने सड़क सुरक्षा को लेकर तैयारियां तेज कर दी हैं। उपायुक्त शिमला अनुपम कश्यप की अध्यक्षता में आयोजित जिला सड़क सुरक्षा समिति की बैठक में कई अहम फैसले लिए गए, जिनका उद्देश्य हादसों को रोकना और यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करना है।
उपायुक्त ने कहा कि आगामी दिनों में हजारों पर्यटक शिमला पहुंचेंगे, ऐसे में शोघी और तारादेवी के बीच विभिन्न स्थानों पर अस्थायी चेकपोस्ट स्थापित किए जाएंगे। इन चेकपोस्टों पर एंबुलेंस की सुविधा भी उपलब्ध रहेगी, ताकि किसी भी दुर्घटना की स्थिति में घायलों को तुरंत चिकित्सा सहायता मिल सके। उन्होंने पुलिस विभाग को इन चेकपोस्टों के लिए उपयुक्त स्थान जल्द चिन्हित करने के निर्देश दिए।
बैठक में यह भी सामने आया कि जिले में ब्लैक स्पॉट से जुड़ा डाटा काफी पुराना हो चुका है। इस पर उपायुक्त ने लोक निर्माण विभाग, हिमाचल पथ परिवहन निगम, एंबुलेंस ऑपरेटर और पुलिस विभाग को निर्देश दिए कि वे सभी उपमंडलों का अद्यतन डाटा क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी के साथ साझा करें। इसके आधार पर जिले की नई ब्लैक स्पॉट सूची तैयार की जाएगी और सबसे संवेदनशील मार्गों पर सुधार कार्य कराए जाएंगे, ताकि सड़क हादसों में कमी लाई जा सके।
उपायुक्त ने क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी को उन स्कूलों से भी जानकारी लेने के निर्देश दिए, जिन्हें सड़क सुरक्षा गतिविधियों के लिए बजट उपलब्ध कराया गया था। उन्होंने कहा कि यह आकलन जरूरी है कि दिए गए संसाधनों का सही उपयोग हुआ या नहीं।
बैठक में शिमला शहर में कई स्थानों पर ट्रैफिक लाइट्स के खराब या बंद होने का मुद्दा भी उठाया गया। इस पर उपायुक्त ने संबंधित विभागों को सभी यातायात लाइट्स को जल्द दुरुस्त करने के निर्देश दिए, ताकि यातायात व्यवस्था सुचारु रूप से चल सके।
अधिकारियों ने बताया कि शहर और आसपास के क्षेत्रों में गलत तरीके से वाहन पार्क करने की वजह से ट्रैफिक जाम और दुर्घटनाओं की समस्या बढ़ रही है। लोग सड़कों के दोनों ओर या किनारे बनी पट्टी पर वाहन खड़े कर देते हैं, जिससे आवाजाही बाधित होती है। उपायुक्त ने आम जनता से अपील की कि वे केवल निर्धारित पार्किंग स्थलों पर ही वाहन खड़े करें।
उपायुक्त अनुपम कश्यप ने पर्यटकों, स्थानीय लोगों और खासकर युवाओं से सावधानीपूर्वक वाहन चलाने की अपील की। उन्होंने कहा कि नियंत्रित गति से वाहन चलाएं, लंबे सफर के दौरान बीच-बीच में विश्राम करें और दूसरे वाहनों से उचित दूरी बनाए रखें। यातायात नियमों का पालन सभी के लिए अनिवार्य है।
उन्होंने यह भी कहा कि होटल एसोसिएशन, होम स्टे एसोसिएशन, टैक्सी ऑपरेटर और टूरिस्ट गाइड एसोसिएशन सड़क सुरक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। इस संबंध में अगले सप्ताह इन सभी संगठनों के पदाधिकारियों के साथ एक विशेष बैठक आयोजित की जाएगी, जिसमें उनके सुझाव भी लिए जाएंगे।
बैठक में केंद्र सरकार की राहवीर योजना की जानकारी भी दी गई। उपायुक्त ने बताया कि सड़क हादसे में घायल व्यक्ति को गोल्डन ऑवर के भीतर अस्पताल पहुंचाने वाले मददगार नागरिक को सरकार की ओर से 25 हजार रुपये की नकद राशि देकर सम्मानित किया जाता है। उन्होंने पुलिस विभाग को ऐसे नागरिकों की पहचान करने के निर्देश दिए, जिन्होंने हाल के दिनों में सड़क हादसों में घायलों की मदद की है।
इसके साथ ही उपायुक्त ने निर्देश दिए कि जिले के सभी सरकारी व निजी अस्पतालों और पुलिस थानों के बाहर गुड समैरिटन से संबंधित जानकारी प्रदर्शित की जाए। उन्होंने लोगों से अपील की कि दुर्घटना के समय वीडियो बनाने के बजाय घायलों की मदद करें, क्योंकि समय पर की गई सहायता किसी की जान बचा सकती है।
बैठक में अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी प्रोटोकॉल ज्योति राणा, क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी विश्व मोहन देव चौहान, डीएसपी अमित ठाकुर सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।





