विमल नेगी, जो हिमाचल प्रदेश पावर कॉर्पोरेशन के चीफ इंजीनियर रह चुके थे, की रहस्यमयी मौत का मामला अब एक नई मोड़ पर पहुंच चुका है। शिमला पुलिस ने इस मामले में एएसआई पंकज को निलंबित कर दिया है, जिसके खिलाफ विभागीय जांच के आदेश भी जारी किए गए हैं। यह कार्रवाई नेगी के शव से बरामद पैन ड्राइव को कथित तौर पर छिपाने के आरोपों के आधार पर की गई है। इस कदम को लेकर पुलिस प्रशासन में हलचल मच गई है और इस मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए जांच तेज कर दी गई है।
10 अप्रैल को विमल नेगी शिमला से रहस्यमयी परिस्थितियों में लापता हो गए थे। उनके लापता होने के एक हफ्ते बाद 18 अप्रैल को उनका शव बिलासपुर जिले की गोबिंद सागर झील से बरामद हुआ था। शव के पास से एक पैन ड्राइव भी मिली थी, जिसमें उनके कार्यकाल और कुछ संवेदनशील प्रोजेक्ट्स से जुड़ी जानकारी होने का संदेह जताया जा रहा था। यह पैन ड्राइव बाद में पुलिस रिकॉर्ड से गायब हो गई, और इस पर गंभीर सवाल उठने लगे।
यह मामला तब और जटिल हो गया जब 21 मई को डीजीपी ने हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट में दायर एक हलफनामे में शिमला पुलिस की विशेष जांच टीम (एसआईटी) की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल उठाए। हलफनामे में यह दावा किया गया कि एसआईटी ने इस मामले को आत्महत्या की दिशा में मोड़ने की कोशिश की, जबकि पेखूबेला (ऊना) प्रोजेक्ट से जुड़े अहम दस्तावेज उस पैन ड्राइव में होने चाहिए थे। इसके बाद, पुलिस प्रशासन ने इस मामले में लापरवाही और साक्ष्य छिपाने की घटनाओं का पता चलने पर तुरंत कार्रवाई की।
एसपी शिमला संजीव कुमार गांधी ने कोर्ट में खुद पेश होकर बताया कि विमल नेगी की मौत बिलासपुर में हुई थी, जहां उनका पोस्टमार्टम भी किया गया। इस क्षेत्र की पुलिस शिमला पुलिस के अधिकार क्षेत्र से बाहर है, और इसी वजह से पहले शिमला पुलिस सीधे तौर पर इस मामले में हस्तक्षेप नहीं कर सकी थी। लेकिन अब जब साक्ष्य छिपाने की बात सामने आई है, तो पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए त्वरित कार्रवाई की है।
यह घटना न केवल एक उच्च सरकारी अधिकारी की संदिग्ध मौत से जुड़ी है, बल्कि इसमें सरकारी गोपनीय दस्तावेजों के छिपाए जाने और लापरवाही की कथाएं भी सामने आई हैं। पैन ड्राइव की गुमशुदगी से यह सवाल खड़ा हो गया है कि क्या इस मामले में कुछ और भी छिपाया जा रहा है। पुलिस द्वारा अब तक की गई कार्रवाई से यह स्पष्ट हो रहा है कि वह मामले को पूरी गंभीरता से देख रहे हैं और किसी भी प्रकार की साजिश को उजागर करने के लिए पूरी कोशिश कर रहे हैं।
इस मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए, पुलिस और जांच एजेंसियां हर पहलू की गहन जांच कर रही हैं। एएसआई पंकज के खिलाफ उठाए गए कदम से यह साफ हो गया है कि यदि मामले में किसी प्रकार की लापरवाही या भ्रष्टाचार की बात सामने आई तो जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
इस केस के संदिग्ध पहलू और सरकारी दस्तावेजों की सुरक्षा के मामलों को लेकर लोगों में गहरी चिंता है। इस मामले की हर एक जानकारी और नई सच्चाई सामने आना बेहद महत्वपूर्ण है, ताकि इस गुत्थी को सुलझाया जा सके और दोषियों को सजा मिल सके।
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