मंडी, हिमाचल प्रदेश – 1 जून, 2025 – हिमाचल प्रदेश के मंडी शहर से सटे चड़याणा गाँव में राजकीय माध्यमिक पाठशाला के छात्रों ने आज समाज को नशे के अभिशाप से मुक्त करने और स्वयं एक नशा मुक्त जीवन जीने का दृढ़ संकल्प लिया। इस पहल ने जहाँ युवाओं में जागरूकता का संचार किया, वहीं पूरे गाँव में नशे के दुष्प्रभावों के प्रति एक सशक्त संदेश भी दिया। यह कार्यक्रम मंडी नगर निगम के वार्ड नंबर चार, नेला के पार्षद राजेंद्र मोहन की गरिमामय उपस्थिति में मुख्य अतिथि के तौर पर संपन्न हुआ, जिन्होंने बच्चों के इस प्रयास की सराहना की।
इस अवसर पर छात्रों ने न केवल शपथ ली, बल्कि नशे के दुष्प्रभावों पर आधारित एक पोस्टर मेकिंग प्रतियोगिता में भी उत्साहपूर्वक भाग लिया। बच्चों ने अपनी रचनात्मकता का परिचय देते हुए बेहद आकर्षक और प्रभावशाली पोस्टर तैयार किए, जो नशे से होने वाले शारीरिक, मानसिक और सामाजिक नुकसानों को उजागर कर रहे थे। इन पोस्टरों के माध्यम से उन्होंने अपने समुदाय को नशे के जाल से दूर रहने के लिए सचेत किया, जिससे स्पष्ट हुआ कि युवा पीढ़ी इस गंभीर समस्या के प्रति कितनी संवेदनशील और जागरूक है।
इस जागरूकता कार्यक्रम को सफल बनाने में कई महत्त्वपूर्ण व्यक्तियों और संस्थाओं का योगदान रहा। जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (डाईट) मंडी से प्रवक्ता राकेश और समन्वयक बलबीर ने छात्रों को बहुमूल्य मार्गदर्शन प्रदान किया, जिससे उन्हें नशे के गंभीर परिणामों को समझने में मदद मिली। इसके साथ ही, स्कूल प्रबंधन समिति के प्रधान और एक प्रसिद्ध थिएटर कलाकार दीपक ने भी अपनी सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित की। डीईएलडी (डिप्लोमा इन एलीमेंटरी एजुकेशन) के विद्यार्थी और स्कूल के सभी अध्यापकगण भी इस नेक पहल का हिस्सा बने, जिन्होंने छात्रों को नशे के प्रति शिक्षित और जागरूक करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई।

पाठशाला की मुख्य अध्यापिका मोनिका चोपड़ा ने इस कार्यक्रम का नेतृत्व किया। उन्होंने बच्चों, अध्यापकों और गाँववासियों को नशे के व्यापक दुष्प्रभावों के बारे में विस्तार से बताया, यह समझाते हुए कि कैसे यह न केवल व्यक्तिगत जीवन को बर्बाद करता है, बल्कि परिवारों और पूरे समाज को भी खोखला कर देता है। जागरूकता संदेश को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए, स्कूल के छात्रों और अध्यापकों ने गाँव में एक रैली भी निकाली। इस रैली के दौरान, नशे के खिलाफ नारे लगाए गए और तैयार किए गए पोस्टर गाँव के प्रमुख स्थानों पर लगाए गए, ताकि हर ग्रामीण तक यह संदेश पहुँच सके।
कार्यक्रम के अंत में, सभी बच्चों को एक महत्त्वपूर्ण शपथ दिलाई गई: “हम जीवन में कभी भी स्वयं नशा नहीं करेंगे, और यदि कोई और नशा करता है तो उसके खिलाफ आवाज़ बुलंद करेंगे।” इस शपथ ने बच्चों में जिम्मेदारी और साहस की भावना को मजबूत किया, उन्हें भविष्य में नशा मुक्त समाज के निर्माण के लिए एक सक्रिय भूमिका निभाने हेतु प्रेरित किया। यह पहल चड़याणा गाँव के राजकीय माध्यमिक पाठशाला द्वारा समाज में सकारात्मक बदलाव लाने और युवाओं को एक स्वस्थ व सुरक्षित भविष्य प्रदान करने की दिशा में एक महत्त्वपूर्ण कदम है। यह दर्शाता है कि छोटे स्तर पर भी ऐसी पहलें बड़े सामाजिक परिवर्तन की नींव रख सकती हैं।
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